क़ुतुब मीनार आज भी खड़ा है...
कई राजा बनते उतरते देखे होंगे।
कई दरबार लगते देखे होंगे।
कई घोड़ों की टापेंसुनी होगी।
कई जशनमेले देखे होंगे ।
कई दीये जलते बुझते देखे होंगे।
क़ुतुब मीनार ने सब कुछ देखा,
सब ने आँखें बंद कर मीनार को देखा ।
क़ुतुब मीनार आज भी खड़ा है......