Saturday, September 4, 2010

क़ुतुब मीनार आज भी खड़ा है...

क़ुतुब मीनार आज भी खड़ा है...

कई राजा बनते उतरते देखे होंगे।

कई दरबार लगते देखे होंगे।

कई घोड़ों की टापेंसुनी होगी।

कई जशनमेले देखे होंगे ।

कई दीये जलते बुझते देखे होंगे।

क़ुतुब मीनार ने सब कुछ देखा,

सब ने आँखें बंद कर मीनार को देखा ।

क़ुतुब मीनार आज भी खड़ा है......